Friday, November 7, 2008

गरीबी

मैंने जब उस पार देखा 
तो मुझे याद आया
कि कोई खड़ा है उस पार,
पास जाकर देखा तो,
देखती ही रह गयी।
लथपथ खून से
फ़टेहाल जिंदगी में
मजबूर संसार से। 
आँखे मेरी रह गयी निर्निमिष,
संसार का अखण्ड सत्य,
गरीबी के कारण वह,
मरने को तत्पर था।
क्या करती मैं भी,
ओस चाटे प्यास न बुझे,
मेरे कुछ कहने से भी,
न कम हो सकती गरीबी।
कोई अंत नहीं दृश्यों का,
पुनः गयी उसी नदी पर
देखे मैंने फिर से वही दृश्य
इस गरीबी को देखकर,
मेरा रोम-रोम काँपने लगा
फिर उसी तरह का चेहरा,
खून से लथपथ,
छोटे बच्चे को,
भूख से बिलखते, नंगे बदन !!

Tuesday, October 21, 2008

विचारों के पक्षी

मन के आकाश में
विचारों के पक्षी
उड़ते हैं दूर-सुदूर
किसी सुख-प्राप्ति की लालसा में
किन्तु उन्हें नहीं पता
कि 
वहां 
नहीं बनाए जा सकते
सपने, इच्छाएं, महत्त्वाकांक्षाएं ।

अचानक कहीं पढ़ी हुई ये पंक्तियां आज याद आ गयीं तो लगा कि इसे ब्लॉग पर रख देना चाहिए । 

Friday, October 17, 2008

बाल-निवेदन

भगवन् ! 
बाल-निवेदनमेतत्।

हे जगदीश दयामय माधव तव चरणेषु नमामः।
ज्ञानविहीना बाल एते तावक-शरणं यामः॥भगवन्।

त्वं माता त्वं पिता सहायःत्वम् अवलम्बनमेकम्।
कुरु तनयेषु दयामखिलेश्वर।हर सकलम् अविवेकम्॥भगवन्।

शुभ -कर्माणि सदा कलयामः सुपथे सदा चलामः।
देश-धर्म-मानव-सेवायै प्राणानपि त्यजामः।।भगवन्।

देया प्रभो ! ईदृशी बुद्धिः शक्तिरीदृशी देया।
करुणागार ! न जातु शिशुभ्यो दयादृष्टिरपनेया ।।भगवन्।

(लय-भगवन् विनती एक हमारी)

Tuesday, October 14, 2008

बचपन

आज सावन की बारिश बरसी
मन करता है भीगने जाऊं, 
देखा जब छोटे बच्चों को 
चलाते कागज़ की नाव,
मन किया जाऊं उनके साथ
जी लूँ अपना बचपन,
लेकर कागज की नाव दौड़ूं नंगे पांव
बचपन में कोई सुधबुध नहीं थीं
कि हमारा जीवन है 
किस ठौर किस गांव ।

Wednesday, October 1, 2008

मेरा प्रथम ब्लॉग लेखन

मेरा नाम पूनम है। आज मैं अपने ब्लॉग का शुभारम्भ कर रही हूँ । अभी के लिए बस इतना हीं....समय के साथ इसे समृद्ध करने का प्रयास करुंगी...धन्यवाद ।