मन के आकाश में
विचारों के पक्षी
उड़ते हैं दूर-सुदूर
किसी सुख-प्राप्ति की लालसा में
किन्तु उन्हें नहीं पता
कि
वहां
नहीं बनाए जा सकते
सपने, इच्छाएं, महत्त्वाकांक्षाएं ।
अचानक कहीं पढ़ी हुई ये पंक्तियां आज याद आ गयीं तो लगा कि इसे ब्लॉग पर रख देना चाहिए ।